कंपनी या समूह बनाकर खोल सकते हैं डेयरी उद्योग, नाबार्ड देगा सरकारी मदद, ब्रांडेड दूध की तरह बेच सकेंगे

खंडवा. गांव की महिलाएं अब परिवार की आजीविका चलाने में बड़ी मददगार बन सकती हैं। वह अच्छी नस्ल की गाय पालेंगी और दूध की पैकेजिंग कर ब्रांड तैयार करेंगी, जो अमूल, सांची की तरह बाजार में बिकेगा। मध्यप्रदेश समेत देशभर में 53 मीट्रिक टन दूध उत्पादन हो रहा है। केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इसे दोगुना कर 108 मीट्रिक टन तक ले जाना है। यह सबकुछ तभी संभव होगा, जब किसान खेती-किसानी के साथ-साथ डेयरी उद्योग भी खोले। प्रदेश के खंडवा जिले में इसकी कार्ययोजना तैयार भी हो गई है। यहां पर स्वयं सहायता समूह बनाकर मिल्क रूट तैयार कर दुग्ध उत्पादन बढ़ाया जाएगा।


नाबार्ड खंडवा के विकास अधिकारी रवींद्र पी माेरे का कहना है वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नाबार्ड डेयरी उद्योग खोलने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। इस वित्तीय वर्ष यानी मार्च-2020 तक मध्यप्रदेश के पशुपालकों को 25 करोड़ रुपए के सब्सिडी देगी। खंडवा जिले में स्वयं सहायता समूह बनाकर दुग्ध उत्पादन कराया जाएगा। यदि इस मॉडल को पूरे मध्यप्रदेश समेत देशभर में लागू कर दिया जाता है तो दुग्ध उत्पादन 53 मीट्रिक टन से बढ़कर 108 मीट्रिक टन हो जाएगा। इसके लिए त्रिपक्षीय अनुबंध किया जाएगा, जो बैंक ऋण अदायगी तक होगा। इसकी वजह है कि दूध उत्पादक समिति डिफाल्टर या कोई बैंक लोन जमा नहीं कर पाता है तो इसकी रिकव्हरी में मदद कर सकें। मापदंड के अनुसार दो यूनिट यानी चार पशु लेना होगा (किसान की स्थिति को देखकर मापदंड में बदलाव किया जा सकता है) इसके लिए नाबार्ड सामान्य वर्ग के किसानों को 25 फीसदी व अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के किसानों को 33 फीसदी अनुदान (बशर्ते वह डिफाल्टर न हो) दिया जाएगा।


यह भी जानिए... इस मद में इतना मिलेगा लोन


दुधारू पशु : उन्नत नस्ल की संकर गाय, देशी नस्ल जैसे साहिवाल, रेड सिंधी, गीर राठी, मुर्रा, ग्रेडेड भैंस की खरीदी के लिए 7 लाख रुपए का लोन मिल सकेगा। इसमें 10 दुधारू पशुओं की खरीदी की जा सकती है।
बछड़ों का पालन : डेयरी उद्योग में सहायक बछड़ों के पालन के लिए ऋण मुहैया करा रही है। इसमें 20 संकर या देशी नस्ल गोपशु तथा ग्रेडेड भैंस के लिए 9 लाख 70 हजार का ऋण मिलेगा।
खाद : खेतों में जैविक खाद काे बढ़ावा देने के उद्देश्य से डेयरी फार्म को मिश्रित खाद यूनिट खोलने का भी प्रावधान है। 25 हजार 200 रुपए की सहायता से वर्मी कंपोस्ट यूनिट खोल सकते हैं।
दूध की मशीन : दुग्ध निकालने की मशीन, दूध का फेट जानने और शीतलन इकाई (क्षमता पांच हजार लीटर तक) स्थापित करने के लिए 20 लाख रुपए का लोन देने का प्रावधान है।
डेयरी उपकरण खरीदी : इसमें दूध उत्पादों से दही, घी, श्रीखंड, पनीर, चक्का आदि बनाने के लिए प्रसंस्करण उपकरण खरीद सकते हैं। इसके लिए 13 लाख 20 हजार रुपए सहायता देती है।
परिवहन व्यवस्था : दुग्ध उत्पादों के परिवहन व्यवस्था के लिए पीकअप या अन्य वाहन की खरीदी कर सकते है, इसके लिए 26 लाख 50 हजार रुपए लोन देने का प्रावधान है।
शीत भंडारण : दूध एवं उसके उत्पादों के लिए शीत भंडारण की व्यवस्था के लिए कूलर, रेफ्रीजरेटर की खरीदी की जा सकती है। 33 लाख रुपए का सरकार से लोन मुहैया कराया जा रहा है।
चिकित्सालय : पशुओं के क्लीनिक की स्थापना की जा सकती है। चलित क्लीनिक के लिए दो लाख 60 हजार और स्थायी क्लीनिक के लिए दो लाख लोन मिल रहा है। इसमें चेकअप कीट, इंजेक्शन, दवाई भी रखी जा सकती है।
डेयरी पार्लर : दूध, दही, लस्सी व पनीर विपणन करने के लिए डेयरी पार्लर स्थापित कर सकते हैं। इसके लिए 3 लाख रुपए तक सामान खरीदी के लिए सरकार सहायता दे रही है।



मोदी सरकार की योजना, एनडीडीबी से सरकार ने साइन किया एमओयू
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को डेयरी उद्योग से जोड़ने और ब्रांडेड दूध बाजार से उतारने के लिए मोदी सरकार ने नेशनल डेयरी डेवलममेंट बोर्ड (एनडीडीबी) से एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) साइन किया है। एनडीडीबी द्वारा महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। चिलिंग प्लांट स्थापित कर दूध की पैकेजिंग भी की जाएगी।



दो पशुओं से भी शुरू कर सकते हैं डेयरी कारोबार
डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत दो दुधारू पशु से भी डेयरी यूनिट शुरू की जा सकती है। यदि आप कम पूंजी से डेयरी कारोबार शुरू करना चाहते हैं तो यह विकल्प भी मौजूद है। अगर आप 2 दुधारू पशु वाली डेयरी यूनिट शुरू करते हैं तो आपको 35 हजार रुपए तक की सब्सिडी मिल सकती है। अगर आप अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग में आते हैं तो आपको दो पशु वाली डेयरी पर 46 हजार 600 रुपए की सब्सिडी मिल सकती है।



पात्र लाभार्थी


किसान निजी उद्यमी और असंगठित तथा संगठित क्षेत्र के समूह (संगठित क्षेत्र समूह में अपने सदस्यों की तरफ से स्वय सहायता समूह, डेयरी सहकारी समितियां सदस्यों की तरफ से दुग्ध संघ, महासंघ, पंचायती राज सदस्य शामिल है।)


एक परिवार के एक से अधिक सदस्य इस योजना के तहत विभिन्न स्थानों पर अलग इकाई और अलग बुनियादी ढांचे को स्थापित करने के लिए सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार के दो फार्मों के बीच की दूरी कम से कम 500 मीटर होना चाहिए।
 


ऋण लेने के लिए यह है नियम



  • जो भी व्यक्ति कर्ज के लिए आवेदन कर रहा है, उनकी आयु 18 वर्ष से अधिक व 65 वर्ष से कम होना चाहिए।

  •  यदि आपके पास दो से लेकर 10 पशु है तो प्रति पांच पशु के लिए 0.25 एकड़ जमीन चारे के लिए उपलब्ध होना चाहिए।

  •  यदि आपने पहले से बैंक लोन ले रखा है तो उसकी स्थिति ठीक यानी डिफाल्टर नहीं चाहिए।

  • जहां आप डेयरी खोलना चाहते हैं आपके पास वहां का मूल निवास प्रमाण-पत्र होना चाहिए।

  •  सात लीटर से अधिक दूध देने वाली गाय और आठ लीटर से अधिक दूध देने वाली भैंसों के लिए ही बैंक लोन देता है।


औसत से अधिक दूध देने वाले मवेशी रखना जरूरी
केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा यह सब्सिडी राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से दी जाती है। यदि एक छोटी डेयरी खोलना चाहते हैं तो उसमें आपको क्रॉस ब्रीड गाय (औसत से अधिक दूध देने वाली) जैसे साहीवाल, रेड सिंधी, गिर, राठी या भैंस रखनी होगी। इस योजना के तहत खोली गई डेयरी में 10 दुधारू पशु रख सकते हैं।